
ऑपरेशन टाईम्स रीवा।। डिजिटल युग में जहां बच्चे घंटों मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में डूबे रहते हैं। वहीं रीवा की 12 वर्षीय राशी ने लेखनी को अपना साथी बनाकर वह कर दिखाया है। जिसकी उम्मीद अब बच्चों से कम ही की जाती है। राशी ने अपनी कल्पनाशक्ति, मेहनत और लगन से न केवल The Floating Circle नामक एक किताब लिखी है बल्कि सैकड़ों कविताएं भी रचकर सबको चौंका दिया है। राशी की यह साहित्यिक यात्रा उस समय शुरू हुई जब उसके दोस्तों ने मजाक में उसे किताब लिखने की चुनौती दे दी। इस चुनौती को गंभीरता से लेते हुए उसने लिखने का संकल्प लिया और कुछ ही महीनों में एक संपूर्ण किताब तैयार कर दी। ‘The Floating Circle’ रोचक और प्रेरणादायक कहानियों का संग्रह है। जिसे ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकता है। राशी बचपन से ही किताबों की शौकीन रही है। उसने बताया कि छोटी उम्र में किताबें पढ़ते-पढ़ते उसके मन में खुद लिखने की इच्छा जागी। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रही राशी की हिंदी भी बेहद सशक्त और भावनात्मक है। उसकी कविताएं बच्चों और बड़ों दोनों को भावनाओं की गहराई से जोड़ती हैं। राशी की इस अद्भुत उपलब्धि पर उसके माता-पिता बेहद भावुक और गर्वित हैं। उन्होंने बताया कि राशी को जब भी कुछ नया सूझता है। वह तुरंत कागज़ और कलम उठा लेती है। कभी-कभी रात में भी लिखने बैठ जाती है। उसकी मेहनत और समर्पण देखकर पूरा परिवार उसका हौसला बढ़ा रहा है। वहीं स्कूल के शिक्षक भी उसकी प्रतिभा पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि राशी ने अपने समर्पण और सृजनशीलता से यह सिद्ध कर दिया है कि उम्र कभी प्रतिभा की सीमा नहीं होती। मीडिया से बातचीत में राशी ने बताया कि वह आगे भी किताबें लिखना चाहती है और अपने विचारों से समाज को कुछ नया और सकारात्मक देना चाहती है। राशी की यह उपलब्धि केवल उसका व्यक्तिगत गौरव नहीं है बल्कि रीवा और पूरे विंध्य क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। आज जब अधिकांश बच्चे तकनीक की गिरफ्त में हैं। ऐसे समय में राशी जैसी बालिका प्रेरणा बनकर सामने आई है। जो बताती है कि कल्पना और कलम से भी एक नई दुनिया रची जा सकती है।।