9 महीने में मोहन सरकार ने लिया 41,500 करोड़ रुपये का कर्ज
शिवराज से गति तेज, उस समय था 3.31 लाख करोड़ का लोन

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। शिवराज सरकार के कार्यकाल में करीब 20 साल में मप्र सरकार ने 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ का कर्ज लिया था। इसमें बाबूलाल गौर और उमा भारती का भी कार्यकाल शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा कर्ज मोहन सरकार के 9 महीने में ही 41 हजार 500 करोड़ ले लिया गया है। इसके पीछे लाड़ली बहना योजना में हर माह बांटे जाने वाले 1600 करोड़ सहित अन्य योजनाओं में पैसे की जरूरत बताया जा रहा है। मप्र में भाजपा की सरकार बनने से पहले दिग्विजय सिंह दस साल मुख्यमंत्री रहे हैं और उनके कार्यकाल में प्रदेश पर कर्ज केवल 33 हजार करोड़ ही था, लेकिन 2003 के बाद से बनी भाजपा सरकार ने तीनों मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में कर्ज की गति तेजी बढ़ती चली गई। शिवराज सरकार ने ही करीब 18 साल के दौरान 3 लाख करोड से अधिक कर्ज लिया। वैसे तो यह कर्ज विकास के नाम पर लिया जाता है, लेकिन अधिकांश कर्ज सड़कें और सिंचाई योजनाओं पर खर्च किया जाता रहा है, लेकिन वर्तमान में कर्ज की राशि से लाड़ली बहना योजना में एक करोड़ 29 लाख बहनों को हर महीने दिये जाने वाली 1250 करोड़ की राशि की वजह से करीब 1600 करोड़ की राशि हर माह खर्च की जा रही है, एक साल में 20 हजार करोड़ होती है। कर्ज के बदले सरकार अपनी संपत्तियों को गिरवी रख रही है। कभी 10 साल तो कभी 24 साल के लिए लोन के बदले सरकार प्रत्येक वर्ष करीब 22 हजार करोड़ रुपए ब्याज के रूप में पटा भी रही है। यानि कर्ज को पटाने भी कर्ज लिया जा रहा है।
लिया गया लोन
■ सीएम पद की शपथ ली 13 दिसंबर 2023 को।
■ 26 दिंसबर 2023 को पहला कर्ज लिया 2000 करोड़।
■ 23 जनवरी 2024 को लोन लिया 2500 करोड़।
6 फरवरी को दो किस्तो में 3 हजार करोड़।
■ 20 फरवरी 2024 को लिया 5000 करोड़।
■ 27 फरवरी 2024 को लिया 5000 करोड़।
■ 26 मार्च को दो किस्त में लिया 4 हजार करोड़।
■ 6 अगस्त को दो किस्तों में लिया 5000 करोड़।
■ 27 अगस्त को दो किस्तों में 5000 करोड़।
■ 24 सितंबर को दो किस्तों में लिया 5 हजार करोड़।
■ 8 अक्टूबर को दो किस्तों में लोन लिया 5 हजार करोड़।
■ मप्र सरकार पर 31 मार्च 2024 की स्थिति में कर्ज 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ है।