
ऑपरेशन टाईम्स नई दिल्ली।। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अगले गवर्नर को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए सरकार ने आज राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को नया गवर्नर नियुक्त करने की घोषणा की। वह 11 दिसंबर को आरबीआई के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालेंगे। सरकारी अधिसूचना में कहा गया है। ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राजस्व विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा की तीन साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी। उनकी नियुक्ति 11 दिसंबर से प्रभावी होगी। मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई की कमान संभालने जा रहे हैं जब चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर सात तिमाही में सबसे कम 5.4 फीसदी रह गई और हर तरफ से अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए ब्याज दर में कटौती का दबाव बढ़ रहा है। हाल में संपन्न मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.2 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। इस बीच खाद्य महंगाई बढ़ने के कारण सितंबर और अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी केंद्रीय बैंक के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है जबकि पहले 4.5 फीसदी रहने का अनुमान था। इसके अलावा भू-राजनीतिक जोखिम और नीति में अनिश्चितता जैसे बाहरी कारकों का खास तौर पर निर्यात और रुपये पर असर पड़ रहा है, जो केंद्रीय बैंक की बड़ी चिंता का कारण है। मल्होत्रा को डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही नरमी को भी थामने की जुगत करनी होगी। कमजोर आर्थिक आंकड़ों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपये पर दबाव बना हुआ है जिससे रुपया नए निचले स्तर पर आ गया है। मल्होत्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1990 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है और अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से लोक नीति में मास्टर डिग्री ली है। राजस्व विभाग के सचिव बनने से पहले वह वित्तीय सेवाओं के विभाग में सचिव थे। मल्होत्रा आरबीआई के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दास को ऊर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद 12 दिसंबर, 2018 को आरबीआई का गवर्नर नियुक्त किया गया था। दास को दिसंबर 2021 में तीन साल के लिए दूसरा कार्यकाल दिया गया था। उनका दूसरा कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। बेनेगल रामा राव के बाद शक्तिकांत दास ने दूसरे सबसे लंबे समय तक गवर्नर के रूप में आरबीआई को सेवाएं दीं। रामा राव 1950 के दशक में साढ़े सात साल तक इस पद पर रहे थे। मल्होत्रा के नेतृत्व में मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक फरवरी में होगी। बाजार पर नजर रखने वालों को उम्मीद है कि वृद्धि दर में नरमी और मुद्रास्फीति को बुरा दौर पीछे छूटने के बाद फरवरी में बहुप्रतीक्षित दर कटौती की शुरुआत हो सकती है। हालिया बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने रीपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का निर्णय किया था। लेकिन नकद आरक्षी अनुपात को 50 आधार अंक घटाकर 4 फीसदी कर दिया। इससे बैंकिंग तंत्र में नकदी की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। मल्होत्रा को मिंट स्ट्रीट में परियोजना वित्त, तरलता कवरेज अनुपात, अपेक्षित क्रेडिट हानि और समान कारोबार से जुड़ी सहायक कंपनियों में बैंक निवेश जैसे प्रमुख विषयों पर मसौदा मानदंडों को अंतिम रूप देने जैसे काम को भी अंजाम देना होगा।