भोपाल

झांसी में हादशे के बाद प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

अस्पतालों में फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश

ऑपरेशन टाईम्स भोपाल।। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में 15 नवंबर की रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलस कर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। घटना को देखते हुए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। शनिवार को विभाग ने निजी व सरकारी सभी अस्पतालों को फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि सरकारी व निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम और क्लिनिक के अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपनी संस्थाओं का इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से कराएं। फायर सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर की स्थिति चालू होनी चाहिए। इन्हें समय समय पर रिफिल कराया होना भी अनिवार्य है। नियमित अंतराल पर फायर ड्रिल कराई जाए और इसके लेखा जोखा भी रखें। इसके अतिरिक्त आकस्मिक निकास द्वार बाधा रहित और सुलभ होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के पालन की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी। किसी भी चूक के लिए वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इनकी जांच के लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे। इस दौरान यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो ऐसे संस्थानों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। यही नहीं संचालकों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी। करीब 3 साल पहले भोपाल के हमीदिया कैम्पस में बने कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में आग लगने की घटना हुई थी। इसके बाद ब्लास्ट हो गया। बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर मिलाकर आठ मंजिल के कमला नेहरू अस्पताल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे। फायर कर्मियों ने अस्पताल में लगे ऑटोमेटिक हाईड्रेट को देखा तो वो खराब पड़ा था। हर फ्लोर पर फायर एक्सटिंग्विशर तो थे लेकिन काम नहीं कर रहे थे। अग्निकांड में 7 बच्चे जिंदा जल गए थे। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलस कर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर अभी तक 10 शवों को निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां आग बुझाने में लगी हैं। सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंच चुका है। अब तक करीब 37 बच्चों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। अंदर 50 से ज्यादा बच्चों के फंसे होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मियों के महीनों में अस्पतालों में आग लगने से बचने के उपायों को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। जिसमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी अस्पतालों का गहन निरीक्षण करें। मुख्य रूप से बिजली भार क्षमता में विसंगति को दूर करें। इसके अलावा अग्निशामक यंत्र और इसकी एनओसी आदि को भी जांचें और पुख्ता करें, जिससे आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके।

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