डीएमएफ के 12 सौ करोड़ रुपये अब जिले के विकास पर होंगे खर्च
केंद्रीय कोयला एवं खनिज राज्यमंत्री ने दी जानकारी, कहा- प्रस्ताव तैयार, प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर होने का हो रहा इंतजार

ऑपरेशन टाईम्स सिंगरौली।। जिला खनिज प्रतिष्ठान (डीएमएफ) में जमा होने वाली खनन रॉयल्टी की राशि अब जिले के विकास पर ही खर्च की जाएगी। प्रदेश सरकार डीएमएफ का पैसा अन्य जिलों में नहीं खर्च करेगी। केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने गुरुवार को ये जानकारी दी। दरअसल शाम 5 बजे जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर का निरीक्षण करने के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खनिज राज्यमंत्री से मीडियाकर्मियों द्वारा यह सवाल किया गया था कि प्रदेश सरकार ने करीब 4 साल पहले नियम संशोधित कर डीएमएफ की राशि अन्य जिलों में खर्च करने का क्रम शुरू किया था। इससे जिले में विकास कार्यों की गति मंद पड़ गई है। इस पर उन्होंने कहा कि डीएमएफ की राशि संबंधित जिले के विकास पर खर्च करने के लिए मंत्रालय ने प्रस्ताव तैयार कर प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। जैसे ही वहां से हस्ताक्षरित प्रस्ताव वापस आएगा। अन्य जिले में डीएमएफ की धनराशि खर्च करने पर स्वतः रोक लग जाएगी। मालूम हो कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने सिंगरौली के डीएमएफ में मिलने वाली 12 सौ करोड़ रुपये की धनराशि अन्य जिलों के विकास पर खर्च करने के लिए नियम संशोधित कर दिए थे। कलेक्टर को एक करोड़ तक के कार्य करने के अधिकार तक सीमित कर दिया था। प्रदेश सरकार ने डीएमएफ के समानांतर स्टेट लेवल कॉरपस बनाया था। जिसे स्टेट मिनरल फंड के नाम से जाना जाता है। पहले इसमें डीएमएफ की 50 फीसदी राशि जमा की जाती थी लेकिन वर्ष 2020 के बाद इसमें 75 प्रतिशत धनराशि जमा होने लगी। जिसमें सिंगरौली का सर्वाधिक हिस्सा होता है। इसके बाद भी जिले के विकास पर कम राशि खर्च हो पाती है क्योंकि इसके लिए प्रस्ताव पहले संबंधित विभाग के पास भोपाल भेजना पड़ता है। वहां मंत्री व मुख्यमंत्री स्तर की समिति के अनुमोदन के बाद धनराशि स्वीकृत होती है। यह व्यवस्था करने वाला मध्य प्रदेश देश में इकलौता राज्य था। इससे जिले में विकास की गति मंद पड़ने लगी थी। डीएमएफ की स्टेट मिनरल फंड में जमा राशि मैदान निर्माण व क्रिकेट किट तक खरीदने के लिए दी जाने लगी। सीहोर का नीमाटाम इसकी नजीर है।
दवाओं की उपलब्धता, वितरण से लेकर वार्डों तक का किया निरीक्षण—
शाम करीब 5 बजे जिला अस्पताल केंद्रीय कोयला एवं खनिज राज्यमंत्री ने दवा काउंटर से निरीक्षण शुरू किया। स्टोर कीपर से जरूरी दवाओं के साथ कैंसर के उपचार से जुड़ी दवाइयों की उपलब्धता के बारे में पूछा। इमरजेंसी, सीटी स्कैन, एचडीयू और एसएनसीयू वार्ड में जाकर भर्ती मरीजों, महिलाओं तथा बच्चों के उपचार की व्यवस्था देखी। मरीजों से बात कर सेवाओं का हाल भी जाना। इस दौरान एक महिला ने बताया कि बेड पर चादर आज मिली है। निरीक्षण के समय एक परिजन ने बताया कि पर्ची पर लिखी दवा आलमारी में बंद हैं। चाबी प्रभारी लेकर चली गई हैं। वह वितरण करने वाली फार्मासिस्ट के पास होनी चाहिए थी। निरीक्षण के अंत में अस्पताल सभागार में सीएमएचओ डॉ. एनके जैन व सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र सिंह ने केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री का बुके देकर स्वागत किया। राज्यमंत्री ने कहाकि वे जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर की व्यवस्था से संतुष्ट हैं।
फुटपाथ से दुकानों को हटाने का दिया निर्देश—
सभागार में स्वागत के दौरान देवसर के विधायक ने अस्पताल गेट पर लगाई गई दुकानों से कोयले का धुंआ उठने और परिसर में फैलने से मरीजों को होने वाली परेशानी की ओर नगर निगम आयुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया। ननि आयुक्त ने दुकानदारों को नोटिस देने की बात कही। पार्षद संतोष शाह ने फुटपाथ पर दुकानें रातभर खुली रहने से चोरियां होने की जानकारी दी। इस पर कलेक्टर ने दुकानें हटाने कहा। सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने इसमें किसी की सिफारिश न सुनने का निर्देश दिया। निरीक्षण में राज्य मंत्री राधा सिंह, सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह, सिहावल विश्वामित्र पाठक, देवसर राजेंद्र मेश्राम एवं कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला सहित जिला अस्पताल के चिकित्सक व प्रशासनिक अधिकारी आदि थे।
स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की आस को दे गए सांस—
केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री सतीश चंद्र दुबे से दैनिक भास्कर ने सिंगरौली में सुविधायुक्त स्पोर्ट्स स्टेडियम की कमी से युवाओं-बच्चों को होने वाली दिक्कत की ओर ध्यान दिलाया तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को दी जाने वाली अपनी रिपोर्ट में वे इसे जरूर शामिल करेंगे। कहा कि डीएमएफ की राशि जिले में खर्च होने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने दीजिए, यह काम भी प्राथमिकता से कराया जाएगा।