
इंग्लैंड व्यापार के कारण हमारी ओर आकर्षित हुआ था—
सीएम ने कहा विरासत के काल में हमारे तरफ इंग्लैंड आकर्षित हुआ था तो वह भी व्यापार और व्यावसायिक कारण से हुआ था। उस व्यापार-व्यवसाय के आधार पर इंग्लैंड ने अपनी गति-प्रगति की है। सीएम ने कहा कि देश की आजादी के बाद और वर्तमान के माहौल में हम कई घटनाक्रम देखें तो याद आएगा कि कोविड के कठिन काल का उदाहरण हमारे सामने है। लॉकडाउन इतने बड़े देश में इस शब्द की कल्पना करना भी मुश्किल है। कर्फ्यू में या कभी और प्रकार से एक नगर को लॉकडाउन करते हैं। तो हालत खराब हो जाती है लेकिन पूरा देश, क्या रेल, क्या बस, सब ट्रांसपोर्ट सिस्टम बंद हो गया। वह अपना विल पावर बताता है कि देश को बचाने के लिए किस प्रकार से काम किया था।

मुख्यमंत्री बोले पहले मानते थे कि भारत में अवसर नहीं—
सीएम ने कहा भारत में जहां मानकर चलते थे कि हमारे अवसर कम हैं। इसलिए तो भारत से बाहर आकर आप लोग अपनी-अपनी पहचान बनाने किसी और मार्ग पर आए थे लेकिन आज आपको अपने व्यवसाय की बढ़ती रफ्तार में फिर बड़े पैमाने पर संभावना अपने देश में भी है। मध्यप्रदेश में भी मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आप भी अवसर को देख रहे हो और समझ रहे हो और इन व्यवस्थाओं में जुड़ने का रास्ता भी ढूंढ रहे हो।

एमपी में शासन में पारदर्शिता, स्पष्टता और संभावना—
सीएम ने कहा मध्यप्रदेश में शासन में पारदर्शिता है। स्पष्टता भी है और संभावना भी है। उससे बढ़कर पॉलिसीज भी हैं। हमारी राजनीतिक स्थायित्व की भावना है, अभी कोई आपको डाउट नहीं हो सकता।

केन्द्र से ये गारंटी कि अच्छा निर्णय किया आगे बढ़ो—
सीएम ने कहा हमसे ज्यादा आप जानते हो कि जिस प्रकार से अभी राजनीतिक नेतृत्व स्थायित्व वाला है। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व और उससे बढ़कर उनकी साफगोई भी है कि अगर एक बार कह दिया तो सब जानते हैं कि दुनिया इधर से उधर हो जाए बात बदलती नहीं है। मैं एक राज्य का मुखिया होने के नाते कहता हूं कि राज्य के मुखिया को अगर यह महसूस होता है कि इतनी सारी चुनौतियों में अपना स्थायित्व कैसे चाहिए? तो सबसे बड़ा आधार उसका केंद्र होता है और केंद्र में इस बात की गारंटी रहती है। कोई बात नहीं अच्छा निर्णय कर लिया। बढ़ो आगे। हम सब देख लेंगे। वह खाली शब्द नहीं है। वह एवरेस्ट से ऊंची चट्टान से ऊंची आश्वस्ती है कि वह जो कह रहे हैं। उसमें कोई भी चिंता नहीं है और व्यापार, व्यवसाय को क्या चाहिए। यही तो चाहिए। दुनियां में शांति की आहट भारत से आ रही सीएम ने कहा दुनिया में आप भी देख रहे हो। जो आहट यूरोप में आ रही है। वह एशिया में भी दिखाई दे रही है। व्यापार-व्यवसाय ऐसी भयावहता के बीच में नहीं बढ़ सकता लेकिन भारत में व्यापार, व्यवसाय बढ़ रहा है और शांति की अगर कहीं से आहट भी आ रही है तो वो उसी देश से आ रही है। जिसके कारण देश की धाक भी है और साख भी है।

यहां भारत के इन्वेस्टर्स से मिलकर आया—
सीएम ने कहा जब मैं यहां (यूके) का दौरा बनाने की बात कर रहा था। हम सीधे यहां नहीं आए। यहां आने के पहले हमने मध्य प्रदेश की सारी व्यवस्थाओं की स्टडी की और अपने देश के राज्यों के इन्वेस्टर्स को बुलाने गए। उसका परिणाम निकला पश्चिम बंगाल जैसे राज्य से भी हमारे पास 10000 करोड़ के इन्वेस्टमेंट के प्लान आए।कोयंबटूर तमिलनाडु उद्योग व्यापार के लिए अच्छा जाना जाता है लेकिन रेडीमेड गारमेंट से लेकर कई चीज और माइनिंग में हम नंबर वन देश में है। अपनी खदानों का साफ-सुथरे ढंग से नीलामी की प्रक्रिया हमने जो अपनाई वह बड़े पैमाने पर लोगों को आकर्षित कर रही है। मैं यहां स्टील किंग मित्तल जी से भी मिला तो उन्होंने भी इस बात को महसूस किया कि हम भी चाहते हैं कि मध्यप्रदेश आएं। बड़े पैमाने पर सब लोगों ने रुचि दिखाई है। नई टेक्नोलॉजी हमारे पास इन्वेस्टमेंट का बड़ा आधार है। आपकी नई टेक्नोलॉजी का हमारे अपने प्रदेश में भी स्वागत है। मध्य प्रदेश में जमीन की जो उपलब्धता है वह महाराष्ट्र में नहीं है। कोयंबटूर से लेकर बंगाल तक इस बात का अभाव है। एनर्जी में इंफ्रास्ट्रक्चर में और बाकी की चीजों में जिस प्रकार की अनुकूलता है। फूड इंडस्ट्री के मामले में मुझे बताया कि यहां पर बड़े पैमाने पर एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट के आधार पर बड़ी संभावना है। मप्र में सारी पॉलिसियां सभी सेक्टर में साफ सुथरे ढंग से बनाई गई हैं।

मध्यप्रदेश में एवीजीसी नीति हो रही है तैयार—
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने निवेश की संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिया। बताया कि मध्यप्रदेश की आईटी/आईटीएस एवं ईएसडीएम नीति-2023 एवं स्टार्टअप नीति से उद्यमियों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं। हम एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) नीति तैयार कर रहे हैं। प्रदेश में 1200 से अधिक आईटी स्टार्ट अप्स हैं। जिनमें से 2 यूनिकार्न बन गए हैं। राज्य में प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर हैं।

आधारभूत सुविधाओं से समृद्ध मध्यप्रदेश—
औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्द्धन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में 77.5 हजार वर्ग किमी का वन क्षेत्र, हीरे, तांबे और मैंगनीज अयस्क जैसे खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। साथ ही यह देश का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक और सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक प्रदेश है। प्रदेश पावर सरप्लस राज्य है। यहां 31 गीगावॉट विद्युत उत्पादन होता है। उद्योग स्थापित करने में मददगार मध्यप्रदेश सरकार यूके की क्लीनी सप्लाइज लिमिटेड के सीएफओ सामिक बसु में मध्यप्रदेश में निवेश के अनुभवों के बारे में बताया कि भारत में बेंगलुरु के बाद उद्योग विस्तार की संभावनाओं के लिए हमने इन्वेस्ट इंडिया की मदद से कई विकल्पों पर विचार किया। लगभग 18 माह पूर्व कंपनी ने उज्जैन-देवास रोड पर स्थित विक्रम उद्योगपुरी को अपने पसंदीदा स्थान के बारे में चुना और यहां मेडिकल उपकरणों के लिए फैक्ट्री स्थापित की। मध्यप्रदेश सरकार एवं एमपीआईडीसी ने हरसंभव सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में ACS (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, एसीएस (साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट), पीएस राघवेन्द्र सिंह और लंदन में निवासरत भारतीय उद्योगपति मौजूद थे।
