दुष्कर्म के दोषियों को नपुंसक बनाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की स्वीकार
निर्भया केस की 12वीं बरसी पर लगाई गई अर्जी

नई दिल्ली एजेंसी।। सोमवार को निर्भया गैंगरेप-मर्डर की 12वीं बरसी पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई। इसमें रेप के दोषियों को नपुंसक बनाने की मांग की गई। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा पर गाइडलाइंस बनाने और कानूनों में सुधार सहित 20 मांगें की हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुयान की बेंच ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि ये मांग बेहद क्रूर है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों को याचिका पर नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। महिला वकीलों के संगठन सुप्रीम कोर्ट वुमन लॉयर्स एसोसिएशन ने याचिका में सार्वजनिक इमारतों और जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, ऑनलाइन पोर्नोग्राफिक, ओटीटी के अश्लील कंटेट पर रोक लगाने की मांग की है। एससीडब्ल्यूएलए की अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील महालक्ष्मी पवनी ने कहा निर्भया से लेकर अभया (कोलकाता के आरजी कर रेप- मर्डर की पीड़िता) तक कुछ नहीं बदला है। सड़क से घर तक महिलाओं से रेप हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट बोला- ये बेहद क्रूर—
उन्होंने नेशनल सेक्स ऑफेंडर्स रजिस्ट्री जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने की मांग की है। इसमें रेप करने वाले अपराधियों का डेटा रखा जाए। जिसे सभी महिलाएं पढ़ सकें। रूस, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, तुर्की और 8 अमेरिकी राज्यों समेत कई देशों ने यौन अपराधों के लिए नपुंसक करने जैसे कानून बनाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी गाइडलाइंस जारी की थी। महिला सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई मामलों में गाइडलाइंस जारी कर चुका है। हाल ही में जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी गवर्नमेंट ऑफिस में (प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट) एक्ट के तहत इंटरनल कमेटी बनाने समेत कई निर्देश दिए थे।
2012 में हुआ था निर्भया केस—
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में 6 लोगों ने निर्भया के साथ गैंगरेप किया था। हालत गंभीर होने पर 27 दिसंबर को निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। जहां 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। निर्भया के 6 में से चार दोषियों को फांसी दी गई थी।