मध्य प्रदेश
पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, टीआई सस्पेंड, देवास में परिजन के साथ धरने पर बैठे पटवारी, बोले-पूरा थाना बर्खास्त होने तक नहीं उठूंगा


जिस कमरे में फांसी लगाई, वो परिजनों को दिखाया— पुलिस ने परिजन को शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए राजी करवाने में लगी है। परिजन को वो कमरा भी दिखाया गया जहां मुकेश ने फांसी लगाई थी। पुलिस ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए हैं। कमरा और वह खिड़की देखने के बाद परिजन असंतुष्ट दिख रहे हैं। उनका कहना है कि 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना संभव नहीं है। दरअसल मालागांव के रहने वाले मुकेश पिता गबूलाल लोंगरे (35) के खिलाफ एक महिला ने 26 दिसंबर को मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की थी। इसी मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर में मुकेश को हिरासत में लिया था। शाम को ही उसकी मौत हो गई। मुकेश के भांजे शिवराम ने पुलिस पर रिश्वत लेने और हत्या करने का आरोप लगाया। शिवराम ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजे दो पुलिसकर्मी मामा को हमारे सामने लेकर गए थे। हमारे सामने ही उनके साथ मारपीट की गई। थाने पहुंचे तो ASI सिद्धनाथ सिंह बैस ने 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। हम पैसे लेकर लौटे तो मामा को मृत हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था। मृतक पर आर्म्स एक्ट समेत 6 अलग-अलग केस थे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मृतक मुकेश लोंगरे के खिलाफ आर्म्स एक्ट, लड़ाई-झगड़े समेत अलग-अलग 6 केस दर्ज थे। उसका नाम आदतन बदमाश की लिस्ट में था। जिलाबदर की प्रक्रिया भी प्रस्तावित थी।

कांग्रेस ने की थाना स्टाफ को बर्खास्त करने की मांग— पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा परिजन के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। जीतू पटवारी ने थाना के पूर्व स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग की। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरा थाना जब तक बर्खास्त नहीं होता मैं यहां से नहीं उठने वाला चाहे पुलिस मुझे जेल में डाल दे। मैं वहां भी बिना कुछ खाए आमरण अनशन करूंगा। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने बताया कि ये मामला राहुल गांधी तक पहुंच गया है। उन्हीं के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से मृतक के परिजन को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

कांग्रेस बोली- मुकेश की हत्या की गई—
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा मैंने घटनास्थल देखा है। उसे देखकर लगता है कि वहां कोई व्यक्ति फांसी लगा ही नहीं सकता। उसकी हत्या की गई है। दूसरी ओर पुलिस का रवैया भी दर्द देने वाला है। पूरे थाने को सस्पेंड करना चाहिए। सीएम मोहन यादव जी को इस्तीफा देना चाहिए। वह गृहमंत्री के लायक नहीं हैं। गृहमंत्री की जिम्मेदारी किसी अन्य को सौंपना चाहिए। प्रदेश सरकार को बच्चों को पालन–पोषण और रहवास की व्यवस्था करना चाहिए। परिवार को एक करोड़ की सहायता करना चाहिए। इस संबंध में पत्र भी लिखूंगा। सदन में भी यह मामला उठाया जाएगा।

परिजन ने लगाया पैसे मांगने का आरोप—
मुकेश के परिजन ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने धाराएं कम करने की एवज में 6 हजार रुपए मांगे थे। मुकेश के साथ थाने में मौजूद एक साथी रुपए की व्यवस्था करने घर गया था। पैसे लेकर वह लौटा तब तक मुकेश की मौत हो गई थी। पुलिस ने बिना जानकारी दिए मुकेश के शव को सतवास अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया और बाहर से ताला लगा दिया।

शनिवार रात को भी परिजनो ने किया हंगामा—
मुकेश के परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार रात को भी थाने पहुंचकर हंगामा किया था। बाद में मामला बिगड़ते देख आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया।

गमछे से फांसी लगाने की कोशिश की—
एसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि मुकेश के खिलाफ 26 दिसंबर को एक महिला ने शिकायती आवेदन दिया था। शाम 6 बजे वो थाने में हाजिर हुआ। इसके बाद बयान लिए गए। थाना प्रभारी बयान पढ़ रहे थे। इसी दौरान अपने गले में बंधे गमछे को ग्रिल से बांधकर फांसी लगाने की कोशिश की। स्टाफ ने जैसे ही देखा फंदा खोलकर पुलिस मोबाइल वाहन से सरकारी अस्पताल ले गए। जांच के बाद डॉक्टर ने मुकेश को मृत घोषित कर दिया।

एसपी पुनीत गेहलोद ने कहा—
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप केस में न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से मर्ग जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाया जाएगा। मामले में में निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की जाएगी। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

मुकेश के खिलाफ न केस न वो आरोपी—
एसपी ने कहा कि मुकेश के खिलाफ न ही कोई प्रकरण दर्ज था। न ही वो आरोपी था। महिला के आवेदन पर जांच के लिए उसे थाने बुलाया गया था। फिलहाल एनएचआरसी गाइडलाइन का पालन करते हुए घटनास्थल को सील कर दिया गया है।

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