■ जयपुर में एलपीजी टैंकर में ब्लास्ट, जिंदा जल गए 11 लोग
■ दर्दनाक हादसा : ट्रक की टक्कर से लगी आग, 200 फीट ऊंची उठीं लपटें, बचने का नहीं मिला लोगों को मौका

■ जर्नलिस्ट लक्ष्मण चतुर्वेदी…..✍️
■जयपुर एजेंसी।। जयपुर में शुक्रवार सुबह एक भीषण एक्सीडेंट से डेढ़ किलोमीटर का इलाका थर्रा उठा। जयपुर-अजमेर हाईवे पर एक ट्रक से टकराने के बाद एलपीजी से भरे टैंकर से 18 टन गैस ने आग पकड़ ली और इतनी जोर से धमाका हुआ कि 200 मीटर का एरिया आग का गोला बन गया। इसमें 11 लोग जिंदा जल गए जबकि 33 लोग बुरी तरह झुलस गए। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ भी सकता है। टैंकर से उठी आग ने आसपास की करीब 40 गाड़ियों को चपेट में ले लिया। जिसमें एक स्लीपर बस भी शामिल है। इस बस में 34 लोग सवार थे। बस एलपीजी टैंकर से बिल्कुल पीछे चल रही थी। हादसा इतना भीषण था कि दोपहर तक फायर ब्रिगेड गाड़ियों और आसपास के इलाकों में लगी आग बुझाती रहीं। आग से हुए धमाके का असर एक से डेढ़ किमी तक महसूस किया गया। आग की लपटें 200 फीट ऊपर तक उठीं। मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख और राज्य सरकार ने 5- 5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है।
■अधजली हालत में इधर-उधर भागे लोग,15 किमी दूर अस्पताल पहुंचाया—
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगते ही लोग गाड़ियों से उतरकर इधर-उधर भागे। कई लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला और वे जिंदा जल गए। जो बाहर निकले वे जलते हुए कपड़ों के साथ सड़क पर इधर-उधर भागने लगे। आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और अलग-अलग गाड़ियों में बैठाकर सवाई मान सिंह अस्पताल भेजा। घटना के तुरंत बाद सीएम भजनलाल शर्मा घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे और घटनास्थल का जायजा भी लिया। उन्होंने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
■आग ने कैसे लोगों को चपेट में लिया— ?
जानकारी के अनुसार भारत पेट्रोलियम के एलपीजी गैस का टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था। सुबह करीब 5.44 मिनट पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने से वह वापस अजमेर की ओर यू-टर्न ले रहा था। इसी दौरान जयपुर से आ रहा ट्रक टैंकर से भिड़ गया। गेल इंडिया लिमिटेड के डीजीएम (फायर एंड सेफ्टी) सुशांत कुमार सिंह ने बताया कि टक्कर के कारण टैंकर में लगे 5 नोजल टूट कर गिर गए और लिक्विड रूप में एलपीजी निकलकर पूरे इलाके में फैल गई। टक्कर लगते ही स्पार्क हुआ था। इससे गैस ने आग पकड़ ली और पूरे इलाके में धमाका हुआ। आग इतनी तेजी से फैली कि 40 से ज्यादा गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। इन गाड़ियों में बैठे लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। टैंकर के पीछे चल रही एक स्लीपर बस और हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री भी जल गई। गाड़ियां रुकने के कारण हाईवे बंद हो गया। धमाके के बाद गैस फैलने से रेस्क्यू में काफी परेशानी आई। स्लीपर बस में बाहर निकलने का एक ही दरवाजा था। एक्सीडेंट की वजह से उसका दरवाजा एक ट्रक से चिपक गया। इस कारण उसमें सवार 34 लोगों को बाहर निकलने की जगह ही नहीं मिली। बड़ी मुश्किल से ड्राइवर वाले गेट से लोगों को बाहर निकाला गया। इस बस में सवार 19 से ज्यादा लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आग बुझने के बाद कई शवों को पोटली में डालकर अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद एहतियातन दिन भर पूरे इलाके में बिजली आपूर्ति ठप रही।।